Chemical engineering kya hai? Kaise bane chemical engineer? Kaun kaun si career opportunity milti milti hai chemical engineering me? Kitni salary milti hai? केमिकल इंजीनियर कैसे बने, salary, अवधि जॉब सब जानिए डिटेल मे।

Chemical engineering kya hai? Kaise bane chemical engineer? Kaun kaun si career opportunity milti milti hai chemical engineering me? Kitni salary milti hai? केमिकल इंजीनियर कैसे बने, salary, अवधि जॉब सब जानिए डिटेल मे।

Chemical engineering kya hai? Kaise bane chemical engineer? Kaun kaun si career opportunity milti milti hai chemical engineering me? Kitni salary milti hai?

 केमिकल इंजीनियर

 कैसे बने, salary, 

अवधि जॉब  सब 

जानिए डिटेल मे।







केमिकल

इंजीनियरिंग

क्या है?/chemical engineering kya hota hai? 


केमिकल इंजीनियरिंग एक ऐसी फील्ड है जो रॉ मेटीरियल्स को उपयोगी प्रोडक्ट्स में बदलने के लिए केमिकल प्रोसेसेज का विकास करने के साथ ही केमिकल प्लांट्स की डिजाइनिंग और मेंटेनेंस के कार्य करती है. यह फील्ड बायोटेक्नोलॉजी, नैनो टेक्नोलॉजी, मिनरल प्रोसेसिंग, सिंथेटिक फाइबर्स, पेट्रोलियम रिफाइनिंग प्लांट्स आदि जैसी विभिन्न फ़ील्ड्स से केमिस्ट्री और इंजीनियरिंग की नॉलेज को कंबाइन करती है.



Types of Chemical इंजीनियरिंग Degrees/chemical engineering ke kitne prakaar hai? 


1. Materials Science इंजीनियरिंग डिग्री !


2. Sustainability Design डिग्री !


3. Environmental इंजीनियरिंग डिग्री !


4. Chemical इंजीनियरिंग डिग्री !


5. Agricultural इंजीनियरिंग डिग्री !


6. Paper इंजीनियरिंग डिग्री !



केमिकल इंजीनियर्स क्या करते हैं?/chemical engineer ka kya kaam hai? 


एक केमिकल इंजीनियर के काम में केमिकल प्रोडक्ट्स बनाने के लिए केमिकल प्लांट्स और इक्विपमेंट्स की डिजाइनिंग, सुपरविज़न, कंस्ट्रक्शन, इंस्टालेशन और ऑपरेशन से संबद्ध कार्य आते हैं. वे नई ड्रग्स की खोज करने के लिए बायो-टेक फर्म्स में रिसर्च और डेवलपमेंट एक्टिविटीज से संबद्ध कार्य भी करते हैं. इसके अलावा, ये लोग पेट्रोलियम रिफाइनिंग, फ़र्टिलाइज़र टेक्नोलॉजी, फ़ूड प्रोसेसिंग, पेंट्स एंड डाइज, रिसाईक्लिंग मेटल्स, कॉस्मेटिक्स, मिनरल बेस्ड इंडस्ट्रीज आदि की फ़ील्ड्स में भी काम करते हैं.


केमिकल इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन कैसे लें?/chemical engineering course me admission kaise le? 


भारत में कई स्वदेशी केमिकल इंडस्ट्रीज हैं. आजकल भारत में कई मल्टीनेशनल कंपनीज भी स्थापित हो रही हैं. इस ट्रेंड की वजह से केमिकल इंजीनियरिंग की फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए ढेरों अवसर मौजूद हैं. रिसर्च और डेवलपमेंट के उद्देश्य से यह फील्ड इंजीनियरिंग की सबसे व्यापक फ़ील्ड्स में से एक है. केमिकल इंजीनियर्स को काम के अवसर मुहैया करवाने वाली अनेक इंडस्ट्रीज की वजह से, अनेक छात्र इस फील्ड में इंटरेस्ट ले रहे हैं. इसलिए, कई यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस ने अपने एकेडेमिक प्रोग्राम्स के तहत इस कोर्स को भी शामिल कर लिया है.




केमिकल इंजीनियर्स के लिये करियर प्रॉस्पेक्ट्स/chemical engineer jobs opportunity 


केमिकल इंजीनियर्स को इंजीनियरिंग और केमिस्ट्री के क्षेत्रों में काफी ज्यादा जानकारी रखने के लिए आमतौर पर ‘यूनिवर्सल इंजीनियर्स’ कहा जाता है. उनके काम में मुख्य रूप से नेचुरल और वेस्ट मेटीरियल्स को उपयोगी और कम हानिकारक केमिकल प्रोडक्ट्स में बदलना है. इन लोगों की एजुकेशनल बैकग्राउंड काफी बढ़िया होने की वजह से ये लोग विभिन्न इंडस्ट्रीज में काम कर सकते हैं जैसेकि, ऑयल एंड गैस इंडस्ट्रीज, फ़ूड इंडस्ट्रीज, एनर्जी इंडस्ट्रीज, केमिकल एंड अलाइड प्रोडक्ट्स, यूटिलिटी कंपनीज, फार्मास्यूटिकल्स, गवर्मेंट डिपार्टमेंट्स आदि.


केमिकल इंजीनियरिंग में विभिन्न कोर्सेज/chemical engineer various  courses


केमिकल इंजीनियरिंग की फील्ड में हालिया डेवलपमेंट्स की वजह से कई अन्य एडवांस्ड फ़ील्ड्स जैसे नैनोटेक्नोलॉजी, बायो-इंजीनियरिंग, बायो-मॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग, मेटीरियल प्रोसेसिंग आदि का विकास हुआ है. हमारी रोजाना की जिंदगी में इस फील्ड के बढ़ते हुए महत्व को देखते हुए, आजकल छात्रों द्वारा केमिकल इंजीनियरिंग के कोर्सेज काफी पसंद किये जा रहे हैं. केमिकल इंजीनियरिंग में विभिन्न लेवल्स पर निम्नलिखित कोर्सेज ऑफर किये जा रहे हैं:


डिप्लोमा कोर्सेज – यह कोर्स छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा ऑफर करता है. इस कोर्स की ड्यूरेशन या अवधि 3 वर्ष है.  


अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – यह कोर्स छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक (बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की डिग्री ऑफर करता है. यह एक 4 वर्ष की अवधि का कोर्स है.


पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज – यह कोर्स छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक (मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की डिग्री ऑफर करता है. यह 2 वर्ष की अवधि का कोर्स है.


डॉक्टोरल कोर्सेज – यह केमिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टोरल डिग्री या पीएचडी (डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी की डिग्री) प्राप्त करने के लिए रिसर्च पर आधारित एक कोर्स है.  


कुछ यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस भी केमिकल इंजीनियरिंग में इंटीग्रेटेड डिग्री प्रोग्राम्स अर्थात एमटेक (मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की डिग्री ऑफर करते हैं. इन कोर्सेज की ड्यूरेशन 5 वर्ष है और छात्र 12 वीं क्लास पूरी करने के बाद यह कोर्सेज ज्वाइन कर सकते हैं.




विभिन्न इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया/chemical engineering course ke liye eligibility criteria kya hai?  


डिप्लोमा कोर्सेज – छात्र किसी मान्यताप्राप्त शिक्षा बोर्ड से 10 वीं क्लास का एग्जाम पास करने के बाद यह कोर्स कर सकते हैं. छात्र ने 12 वीं क्लास में साइंस, मैथमेटिक्स और इंग्लिश आदि मुख्य विषय अवश्य पास किये हों.


अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – यूजी प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए छात्र को उपयुक्त एंट्रेंस एग्जाम्स देने होते हैं. इसके अलावा, छात्र ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स आदि मुख्य विषयों के साथ 12 वीं क्लास पास की हो. छात्रों को स्टेट, सेंट्रल और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम्स भी अवश्य देने होंगे.


पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज – पीजी प्रोग्राम्स में एडमिशन लेने के लिए, छात्र के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से संबद्ध विषय में बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए. छात्र ने उपयुक्त एंट्रेंस एग्जाम्स में भी अच्छे मार्क्स प्राप्त किये हों.  


डॉक्टोरल कोर्सेज – डॉक्टोरल प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए, छात्र के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी संबद्ध विषय में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री अर्थात केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री अवश्य होनी चाहिए.


केमिकल इंजीनियरिंग के लिये टॉप 10 इंस्टिट्यूट्स/chemical engineering ke liye top  institute and colleges


भारत में इंजीनियरिंग कोर्सेज करने के लिए सबसे बढ़िया कॉलेजों के तौर पर ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजीज़’ अर्थात आईआईटी’ज माने जाते हैं. एनआईआरएफ रैंकिंग वर्ष 2018 के अनुसार, भारत में यूजीसी से मान्यताप्राप्त टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज निम्नलिखित हैं:


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास, मद्रास


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बॉम्बे, बॉम्बे


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी खड़गपुर, खड़गपुर


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली, दिल्ली


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कानपुर, कानपुर


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रुड़की, रुड़की


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी, गुवाहाटी


• अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई


• जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता


• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी हैदराबाद, हैदराबाद


 


केमिकल इंजीनियर्स के लिए लोकप्रिय रिक्रूटर्स/ placement recruiter for chemical  engineer 


केमिकल इंजीनियर्स के लिए कुछ जाने-माने रिक्रूटर्स निम्नलिखित हैं:


सरकारी कंपनियां


• हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)


• भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल)


• इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड


• गेल लिमिटेड


• एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड


प्राइवेट कंपनियां


• पिरामल हेल्थकेयर लिमिटेड


• रनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड


• फिजर इंक.


• निरमा


केमिकल इंजीनियरिंग में ऑफर किये जाने वाले सब-स्पेशलाइजेशन्स/chemical engineering me kaun kaun se specialization course hote hai? 


केमिकल इंजीनियरिंग में ऑफर किये जाने वाले कुछ लोकप्रिय सब-स्पेशलाइजेशन्स निम्नलिखित हैं: 


बायोमेडिकल इंजीनियरिंग – यह फील्ड बायोलॉजी और हेल्थ केयर की फ़ील्ड्स में इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल्स और कन्सेप्ट्स अप्लाई करती है. बायोइंजीनियर्स अक्सर डॉक्टर्स, थेरेपिस्ट्स और रिसर्चर्स के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि मेडिकल प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए सिस्टम्स, इक्विपमेंट और डिवाइसेज विकसित किये जा सकें.


प्रोसेस इंजीनियरिंग – प्रोसेसिंग इंजीनियरिंग का फोकस केमिकल, फिजिकल और बायोलॉजिकल प्रोसेसेज की डिजाइनिंग, ऑपरेशन, कंट्रोल, ऑप्टिमाइजेशन और इंटेंसिफ़ीकेशन कार्य पर होता है. प्रोसेस इंजीनियरिंग में कई इंडस्ट्रीज शामिल होती हैं जैसेकि, केमिकल, पेट्रोकेमिकल, एग्रीकल्चर, मिनरल प्रोसेसिंग, एडवांस्ड मेटीरियल, फ़ूड, फार्मास्यूटिकल, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, ऑटोमेटिव और बायोटेक्नोलॉजिकल इंडस्ट्रीज. 


फ़ूड प्रोसेसिंग – इस फील्ड में कच्चे मटीरियल्स को उपयोगी फ़ूड प्रोडक्ट्स में बदलने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टेक्निक्स का अध्ययन शामिल होता है. यह फ़ूड को प्रिजर्व करने, कंजर्व करने के साथ ही प्रोसेसिंग कार्यों के तरीकों में सुधार लाने और नये तरीके तलाश करने से संबद्ध कार्य भी करती है. इस फील्ड के तहत फ़ूड प्रोडक्ट्स से जुड़े क्वालिटी कंट्रोल प्रोसीजर्स, फ़ूड एडल्टरेशन, फ़ूड प्रोडक्ट्स की न्यूट्रीशनल वैल्यू को कंट्रोल करने जैसे सभी विषय शामिल होते हैं.


इलेक्ट्रोकेमिकल – यह फील्ड इलेक्ट्रोकेमिकल फिनोमीना जैसेकि केमिकल्स की इलेक्ट्रोसिंथीसिस, इलेक्ट्रोविनिंग, इलेक्ट्रोकेमिकल सेपरेशन्स और कोरोजन के एप्लीकेशन से संबद्ध कार्य करती है. 


पोलीमर्स – पोलीमर इंजीनियरिंग की फील्ड प्लास्टिक्स या संबद्ध इक्विपमेंट और प्रोसेसेज से सम्बंधित डेवलपमेंट और टेस्टिंग कार्य करती है.



केमिकल इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिये एंट्रेंस एग्जाम्स/chemical engineering ke liye entrance exam


इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों में एडमिशन लेने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और यूनिवर्सिटी लेवल पर एंट्रेंस एग्जाम्स आयोजित किये जाते हैं. केमिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए छात्र निम्नलिखित लोकप्रिय एग्जाम्स दे सकते हैं:


अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए:


• ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम - मेन (जेईई मेन)


• ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम - एडवांस्ड (जेईई एडवांस्ड)


• वीआईटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (वीआईटीईईई)


• दी महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एमएचटीसीईटी)


• उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम (यूपीएसईई)


• बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट (बीआईटीएसएटी)


पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए:


• वीआईटी यूनिवर्सिटी मास्टर’स एंट्रेंस एग्जाम (वीआईटीएमईई)


• ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट)


• बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस हायर डिग्री एग्जाम (बीआईटीएस एचडी)


केमिकल इंजीनियर्स के लिए लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल्स/jobs for chemical engineer


आर्किटेक्चरल एंड इंजीनियरिंग मैनेजर्स – आर्किटेक्चरल और इंजीनियरिंग मैनेजर्स का काम आर्किटेक्चरल और इंजीनियरिंग कंपनियों में होने वाले विभिन्न कामों को प्लान, डायरेक्ट और कोआर्डिनेट करना होता है.


बायोमेडिकल इंजीनियर्स – यह फील्ड हेल्थकेयर इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर सिस्टम्स आदि को डिज़ाइन करने और बनाने के लिए इंजीनियरिंग प्रिंसिपल्स को मेडिकल साइंसेज के साथ कंबाइन करती है.


केमिकल टेक्निशियन्स – केमिकल प्रोडक्ट्स और प्रोसेसेज को डेवलप, प्रोड्यूस और टेस्ट करने के लिए केमिस्ट्स और केमिकल रिसर्चर्स के काम में मदद करने के लिए ये लोग विशेष इंस्ट्रूमेंट्स और टेक्निक्स का इस्तेमाल करते हैं.


केमिकल मेटीरियल साइंटिस्ट्स -  केमिकल मेटीरियल साइंटिस्ट्स एटॉमिक और मॉलिक्यूलर लेवल्स पर पदार्थों की स्टडी करते हैं ताकि उन तरीकों का विश्लेषण किया जा सके जिनमें पदार्थ एक-दूसरे से इंटरैक्ट करते हैं. वे नये प्रोडक्ट्स बनाने के साथ ही निर्मित गुड्स की क्वालिटी की जांच करने के लिए अपनी नॉलेज का इस्तेमाल करते हैं.


न्यूक्लियर इंजीनियर्स - न्यूक्लियर इंजीनियर्स का काम न्यूक्लियर एनर्जी और रेडिएशन से लाभ प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले सिस्टम्स, इंस्ट्रूमेंट्स और प्रोसेसेज के लिए रिसर्च और विकास संबंधी कार्य करते हैं. उदाहरण के लिए, मेडिकल डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले इक्विपमेंट्स से संबद्ध कार्य.



केमिकल इंजीनियर की सैलरी/chemical engineer ki salary 


इंजीनियर की सैलरी उसकी नौकरी के ऊपर निर्भर करती है कि वह किस क्षेत्र की नौकरी कर रहा है जैसे कि अगर कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रहा है तो उसकी सालाना आय लगभग सात लाख के करीब होगी. इसी तरह अगर कोई मैकेनिकल के क्षेत्र में नौकरी कर रहा है तो उसकी सालाना आय तीन से चार लाख के करीब होगी तो सभी इंजीनियर की सैलरी उसके काम पर निर्भर करती है उस के पद पर निर्भर करती है.ठीक उसी तरह केमिकल इंजीनियर की सैलरी होंगी -

Chemical Engineer Salary = लगभग 4-5 लाख  Per Year


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