त्राटक क्या है? tratak kya hai iske kya labh hai? aur tratak karne ka kya tareeka hai? tatha tratak ke kitne prakar hai?

त्राटक क्या है? tratak kya hai iske kya labh hai? aur tratak karne ka kya tareeka hai? tatha tratak ke kitne prakar hai?

 त्राटक क्या है? tratak kya hai iske kya labh hai? aur tratak karne ka kya tareeka hai? tatha tratak ke kitne prakar hai?   










त्राटक क्या है/किसे कहते है?  -


त्राटक योगा की प्रमुख टेकनीक या कहे की क्रिया या साधना है। त्राटक शब्द का अर्थ – त्राटक शब्द का अर्थ होता है किसी एक विशेष वस्तु पर अपनी नजरो से लगातार देखते रहना। 

त्राटक क्रिया हठ योगा का एक प्रकार है। यह हठ योगा के सात अंगो में से एक अंग षटकर्म की एक क्रिया है। 

हठयोग में इस क्रिया का वर्णन दृष्टि को जाग्रत करने की शक्ति के रूप में किया गया है। 

आँखों को आत्मा का प्रवेशद्वार माना जाता है। त्राटक साधना द्वारा आँखों को आत्मा और मन के बीच संपर्क स्थापित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। 

त्राटक मेडिटेशन शरीर को शक्ति और शुद्धी प्रदान करने के लिए की जाती है।


त्राटक ध्यान क्या होता है – What is Tratak Meditation?


त्राटक ध्यान का मूल उद्देश्य हमारी एकाग्रता को बढ़ाना और बुद्धि को तीक्ष्ण करना होता है। त्राटक ध्यान एक बहुत ही शक्तिशाली और विशेष प्रकार की ध्यान साधना है। त्राटक ध्यान साधना हमारे ऋषियों – मुनियों द्वारा बनाई गयी एक विशेष ध्यान साधना है। इसके जरिये हम किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति से जुड़ सकते है। इसे कई बार टेलीपैथी या मन की बातों को जानने के लिए उपयोग में लिया जाता है। त्राटक को हठ योग की श्रेणी में रखा गया है। इस प्रक्रिया को त्राटक ध्यान कहा जाता है।

त्राटक को हम कई नाम से जानते है, जैसे की त्राटक ध्यान (Tratak Dhyan), त्राटक साधना (Tratak Sadhana) व त्राटक योग (Tratak Yoga).


त्राटक ध्यान के प्रकार – Types of Tratak Meditation


त्राटक ध्यान तीन प्रकार का होता है –


अन्तः त्राटक (Inner Tratak)


इस त्राटक में हम आँखों को बंद कर के अपने मन में किसी भी विशेष वस्तु और विशेष व्यक्ति पर अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाते है। या फिर हम अपने दोनों आँखों के बीच में अपना ध्यान लगाते है। शुरुआत में इस ध्यान साधना से आँखों में दर्द या सिर में दर्द का अनुभव हो सकता है परन्तु नियमित अभ्यास से आपको इस स्तिथि का अनुभव होना बंद हो जाएगा।


मध्यम त्राटक (Middle Tratak)


इस त्राटक में हम अपने आँखों से कुछ दुरी पर मोमबत्ती रख कर या किसी बिंदु पर अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाते है। इस क्रिया में हम अपने आँखों से एक फिट की दुरी पर और आँखों के बिलकुल समांतर रख कर एकाग्रता से टकटकी लगाते है। इसके अलावा हम किसी सफेद पेपर पर काला बिंदु बनाकर भी इस का अभ्यास कर सकते है।


बाह्य त्राटक (Outer Tratak)


इस त्राटक में हम किसी बिंदु, ज्योति, सूर्य, चन्द्रमा, तारों व किसी तस्वीर पर अपना ध्यान लगाते है। यह एक उच्च श्रेणी का त्राटक है जिसे नियमित अभ्यास से प्राप्त किया जाता है। आप इन सब के करने के तरिके व सावधानियों को निचे पढ़ सकते है।


त्राटक ध्यान की विभिन्न विधिया – Various Methods of  Tratak Meditation


सभी प्रकार के त्राटको में बिना पलक झपकाए बिलकुल एकाग्रता से ध्यान लगाना होता है।


बिंदु त्राटक 






इसका अभ्यास किसी भी त्राटक में प्रवेश से पहले अनिवार्य है अगर आप आँखों में पानी की समस्या और जलन के साथ आँखों को ज्यादा नुकसान ना पहुँचाना चाहे तो आपको कम से कम 21 दिन बिंदु त्राटक पर अभ्यास करना चाहिए। इससे आँखों में जलन और पानी की समस्या का समाधान तो होगा ही आपको शांत और स्थिर रहने में भी मदद मिलेगी। 
जो दूसरे त्राटक में आपका काफी वक़्त बचाएगी। मेरा खुद का अनुभव है की बिंदु का त्राटक आपके मन में स्थिरता लाने के लिए सबसे बेस्ट है।
इससे आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन आते है और आप खुद को तेजस्वी और बेहतर महसूस करते है। 
इसके अलावा पढाई में और खुद की हीं भावना से छुटकारा पाने में ये अच्छा अभ्यास है। 
अगर आप खुद को हतोत्साहित महसूस करते है तो आपको इसे जरूर करना चाहिए।

सावधानी – दीवार के पीछे या कागज़ का रंग बिलकुल सफेद, बिंदु का रंग काला और आकार बिलकुल गोल होना चाहिए।


सप्त वर्तुल त्राटक





ये त्राटक आपके अवचेतन मन के जागरण और आत्मविश्वास में बढ़ावा करने में सहायक अभ्यास है। 

बिंदु त्राटक के बाद ये ऐसा अभ्यास है जो तेजी से हमें अवचेतन मन की यात्रा में ले जा सकता है। 

 इसका अभ्यास करने की आवश्यक शर्त है आपकी चेतना और तर्क की क्षमता का शून्य रहना।

इससे आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन आते है और आप खुद को तेजस्वी और बेहतर महसूस करते है। 

इसके अलावा पढाई में और खुद की हीं भावना से छुटकारा पाने में ये अच्छा अभ्यास है। 

अगर आप खुद को हतोत्साहित महसूस करते है तो आपको इसे जरूर करना चाहिए।


दीपक त्राटक





ये त्राटक आपके अवचेतन मन के जागरण और आत्मविश्वास में बढ़ावा करने में सहायक अभ्यास है। 

बिंदु त्राटक के बाद ये ऐसा अभ्यास है जो तेजी से हमें अवचेतन मन की यात्रा में ले जा सकता है। 

 इसका अभ्यास करने की आवश्यक शर्त है आपकी चेतना और तर्क की क्षमता का शून्य रहना।

आपके अंदर आकर्षण और मोहिनी शक्ति का विकास करता है। 

और आप खुद में बहुत से ऐसे बदलाव करते है जो आपके व्यक्तित्व में पहले नहीं होते है जैसे आत्मविश्वास, दृढ़ता और मजबूती विचारो में।

सावधानी – यदि आप कर सके तो दीपक को जलाने के लिए तेल का इस्तेमाल न करे बल्कि शुद्ध घी का इस्तेमाल करे। क्योकि तेल के दिए में से काला धुआँ निकलता जो की हमारे स्वास्थय के लिए हानिकारक हो सकता है।


दर्पण त्राटक 




दर्पण त्राटक यानि सम्मोहन ये त्राटक आत्मसम्मोहन में काफी कारगर है। 

ज्यादातर अभिनेता या प्लेयर शीशे के सामने खुद को आत्मविश्वास देते है। 

शीशे के सामने खड़े होकर खुद को बेहतर समझ कर हम अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते है ये त्राटक हमें कुछ ऐसी भावना देकर बदलाव में मदद करता है जो दूसरे त्राटक में बहुत मुश्किल है इसके अलावा इस त्राटक में आप वक़्त का अंदाजा या निर्धारण नहीं कर सकते। जितना वक़्त आप देते है उतना ही कम लगेगा। करके देखिये।

आत्मसम्मोहन के लिए आत्मविश्वास में बढ़ोतरी के लिए सबसे बेहतर अभ्यास है। इसके अलावा हमारे मन में शांति और स्थिरता लाता है।


चंद्र त्राटक




चंद्र त्राटक ऐसा अभ्यास है जिसमे हम खुद को इच्छाशक्ति की चरम सीमा तक ले जा सकते है। 

चंद्र त्राटक आ प्रभाव शीतल है और हमारी प्रकृति को मृदुल बनाता है। 

 चंद्र त्राटक के कई लाभ है पर ये जान ले की इसके लिए जो कायदे और नियम चाहिए वो सामान्य स्थिति में संभव नहीं।

आपके व्यव्हार को शीतल बनाता है और आपके अंदर आकर्षण शक्ति को बढ़ाता है।

सावधानी – इसको बदल रहित साफ़ मौसम में करना चाइये। अन्यथा हम सही तरिके से नहीं कर पाएंगे।


 सूर्य त्राटक साधना 




इसमें हम उगते व ढलते (अस्त) सूर्य को देखते है।


सूर्य त्राटक के फायदे/लाभ 


 . सूर्य की शक्ति के सामने सभी प्रकार की नेगेटिव एनर्जी या नुकसान पहुंचाने वाली शक्तियां नष्ट हो जाती है। 

 . सूर्य त्राटक से व्यक्ति इन्हीं शक्तियों को अपने अंदर प्रवाहित करता है। 

 . सूर्य त्राटक से आंखों को बहुत फायदा होता है। त्वचा संबंधी बीमारियां दूर होती है l

 . हड्डियों को फायदा होता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है और चेहरे पर ग्लो आता है।

सावधानी – यदि सूर्य त्राटक को सही तरिके व सही समय पर नहीं किया गया या तो सूर्य की तेज रोशनी में मौजूद UV किरणे हमारी आँखों की पुतलियों को हानि पहुंचा सकती है। इसलिए हम यह त्राटक केवल सूर्य उदय के तुरंत 10-15 मिनट के अंदर व सूर्य अस्त से 10-15 मिनट पहले सूर्य की रोशनी कम होती है जिससे की हमारी आँखे को कई हानि न हो।


मूर्ति त्राटक साधना  




 किसी भी विशेष मूर्ति (तस्वीर) पर ध्यान केंद्रित करके किया जाता है, यह आपके विश्वास या धर्म से संबंधित कुछ तस्वीर हो सकती है।


सावधानी – ऐसी तस्वीर का इस्तेमाल न करे जो की आपको पसंद न हो।


त्राटक करने का तरीका – Technique of Tratak


.त्राटक करने के लिए हमे दृढ़ता से नियमित अभ्यास करना चाहिए। जानिए त्राटक कैसे करते है।


.ज्योति त्राटक के लिए अँधेरे कमरे का चुनाव करे और जिसमे शोर ना हो।

.फिर जमीन पर चटाई बिछाए और अपने रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा करके सुखासन में बैठ जाएँ।

.अब अपनी आँखों से 1 से 2 फिट की दुरी पर मोमबत्ती को रख ले जो आँखों के बिलकुल समांतर हो।

.अब बिना पालक झपकाए इस मोमबत्ती पर टकटकी जमाये। शुरुआत में करना कठिन होगा पर समय के साथ साथ आप इस में सक्षम हो जायेंगे।

.शुरुआत में सिर्फ 15 या 20 सेकंड तक होगा पर निरंतर अभ्यास से इसे बढ़ाया जा सकता है।

.एक बार आपकी आँखे बंद हो जाए तब आँखों को 30-40 सेकेंड का आराम दे। फिर दोबारा से यही प्रक्रिया शुरू करे।

 .यदि आपकी आँखों से पानी आता है तो आप आपने पास नरम व सूती कपडा रखे और आराम से आँखों को साफ़ करे।

 .इसके अलावा आप किसी बिंदु पर ध्यान लगा सकते है।

 .त्राटक में कुशल होने के बाद आप बाह्य त्राटक का अभ्यास कर सकते हैं।

सावधानी – त्राटक को शुरुआत में ज़बरदस्ती न करे इससे आपकी आँखों में दर्द हो सकता है।


Note:- यदि आप त्राटक की शुरुआती चरण में है तो आप 5-10 मिनट के अभ्यास से शुरू करे। धीरे-धीरे आपने सामर्थ्य के हिसाब से समय को बढ़ाए, और 30 मिनट तक ले जाए।


  • त्राटक के लाभ – Benefits of Tratak


  • .नेत्रों के रोग नष्ट होते हैं।
  • .दृष्टि तीव्र होकर दूरदर्शिनी बन जाती है। 
  • .तंद्रा, निद्रा व आलस्य दूर भागते हैं ।
  • .चित्तवृत्ति सूक्ष्म लक्ष्य में स्थिर होती है।
  • .एकाग्रता व स्थिरता आती है।
  • .त्राटक से हमारा मस्तिष्क तीक्ष्ण (Acute) होता है।
  • .आँखों के रौशनी अत्यधिक बढ़ जाती है।
  • .आँखों से जुडी हर प्रकार की बीमारी दूर हो जाती है।
  • .इस अभ्यास से हम किसी अन्य व्यक्ति के मन में चल रही बातों को भी पढ़ सकते है।
  • .इसका उपयोग टैलीपैथी में भी किया जाता है।
  • .इसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान करने में भी सक्षम हो जाते है।
  • .मन की चंचलता दूर हो जाती है।
  • .हमारा फोकस बढ़ जाता है।
  • .आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि के लिए दरवाजे खोलता है।
  • .इच्छा शक्ति को बढ़ता है। 
  • .याद रखने की क्षमता (यादास्त) को बढ़ता है। 

  • त्राटक के लिए कुछ सावधानियाँ – Precautions of Tratak

  • त्राटक को शुरुआत में कम समय के लिए करे ताकि आपकी आँखों पर कोई बुरा प्रभाव ना पड़े।
  • मोमबत्ती की दुरी अत्यधिक न करे।
  • आँखों के रोगी इसका प्रयोग न करे।
  • सूर्य त्राटक को दिन में न करे।
  • बिना सम्पूर्ण जानकारी के त्राटक न करे।
  • यदि आप इस क्रिया को सही से नहीं पर पा रहे है तो जबरदस्ती न करे किसी की सलाह ले।

  • शुरुआत के लिए कुछ टिप्स – Some Tips for Beginners

  • यदि आप पहली बार इस क्रिया को कर रहे है तो इनको ध्यान से पढ़े। क्योकि हम इसे गलत तरिके से करेंगे तो हमे कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जोकि आप निचे पढ़ सकते है।

  • हमेशा शांत स्थान का चुनाव करे।
  • ज्योति त्राटक को अँधेरे कमरे में करे व हवा के सरे स्त्रोत बंद कर दे ताकि दिया व मोमबत्ती की लो स्थिर रहे।
  • अभ्यास के बाद अपनी आँखों को ठन्डे पानी से साफ़ करे।
  • शुरुआत में 5-10 मिनट से इस क्रिया का अभ्यास शुरू करे।
  • जब आपको भूख या प्यास लगी हो तब इसका अभ्यास ना करे।
  • सुबह का समय अभ्यास के लिए सही रहेगा।
  • निरंतरता बनाए रखे।
  • आपने विचारो पर अधिक नियंत्रण के लिए आप Vipassan Meditation या Mindfulness Meditation का अभ्यास कर सकते है।

  • त्राटक से हानि – Dangers of Tratak-


  • वैसे तो त्राटक हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है, पर अति व गलत तरिके से किया हुआ हर कार्य हमे हानि पहुंचा सकता है। ऐसे ही त्राटक क्रिया का अभ्यास सही से न करने पर हमे कई समस्याओ का सामना करना पढ़ सकता है। जैसे:- आँखों में जलन होना, आँखों से पानी आना, धुप से आँखों में चुभन होना, कमर दर्द करना इत्यादि अनेको छोटी – छोटी समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है। तो इसलिए ऊपर बताए गयी त्राटक के लिए कुछ सावधानियाँ, टिप्स व तरिके को ध्यान से पढ़ ले फिर अभ्यास को करना शुरू करे। यदि हम त्राटक को सिर्फ लाभ की मानसिकता से करेंगे तो इससे हमे कोई फ़ायदा नहीं होगा। इसलिए हमेशा अच्छी मानसिकता से ही त्राटक का अभ्यास करे। मन से सारे नकारात्मक विचार निकाल दे। लगातार अभ्यास करते रहे।

  •  त्राटक के दौरान होने वाले अनुभव-

  • जब हम शुरुआत में त्राटक का अभ्यास करते है तो सबसे पहले हमारे सामने यह समस्या आती है कि हम कुछ सेकंड तक ही त्राटक कर पाते है। 3 सी 7 सेकंड में ही हमारी आँखों में जलन होने लगती है और आँसु भी आने लगते है। इसी अवस्था में आकर हम त्राटक करना बंद कर देते है। यह अवस्था त्राटक की पहली अवस्था है। जितना  आपकी आँखों में जलन और पानी आएगा, उतना ज्यादा ही आपको त्राटक से फायदा मिलेगा। बस शुरुआत में आपको दिक्क्त आएगी लेकिन लगातार अभ्यास करते रहने से आप 30 मिनट तक भी त्राटक करने में समर्थ हो जाओगे। बस लगातार प्रयास करते रहना है, चाहे आपके रास्ते में कितनी भी मुसीबत क्यों ना आये।
  • त्राटक के कुछ समय तक करने के दौरान कुछ अनुभव। 
  • बिंदु के चारो तरफ नीला प्रकाश दिखाई देना।
  • बिंदु की स्तिथि में बदलाव आना।
  • बिंदु का गायब हो जाना या धुंधला हो जाना।
  • ये सब आपको त्राटक को कुछ दिन करने के बाद आप को अनुभव होने लगेंगे।

सावधानी-


यह मानसिक समस्याग्रस्त व्यक्तियों के लिए उपयुक्त व्यायाम नहीं है। जिन व्यक्तियों की वृत्ति खंडित मानसिकता (स्किइजों फ्रेनिया) या दृष्टि-भ्रम की स्थिति हो उनको त्राटक का अभ्यास नहीं करना चाहिए।


  • त्राटक से जुड़े कुछ प्रश्न –

  • .चश्मा उतार कर त्राटक करे या चश्मा पहन कर ?
  • त्राटक हमेशा चश्मा उतार कर करना चाहिए। क्योंकि चश्मा पहन कर त्राटक करने से हमे उतना लाभ नहीं मिलेगा। चश्मा त्राटक के दौरान होने वाले अनुभव को कम कर देता है। 
  • .त्राटक करने के लिए सही समय कोनसा है ?
  • त्राटक करने के कोई भी समय उचित है। इसे सुबह भी किया जा सकता है और शाम को भी। बस ध्यान इतना रहे की त्राटक आप जब करे। जब आप के पास उचित समय है।
  • .त्राटक हम कितनी देर तक कर सकते है?
  • त्राटक को हम अपनी क्षमता के अनुसार कितनी भी देर कर सकते है। कई लोग तो इसे 1 घंटे से भी ज्यादा समय तक कर सकते है। परन्तु शुरुआत में इसे केवल 5 मिनट ही करे।
  • .त्राटक को करने से पहले क्या योग, प्राणायाम करना उचित है?
  • बिलकुल, अगर आप त्राटक से पहले योग और प्राणायाम कर सकते हो तो ये आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा। त्राटक से पहले स्नान करना भी फायदेमंद होता है।
  • .त्राटक को कितनी उम्र के बाद किया जा सकता है?
  • त्राटक को हम 13 वर्ष की उम्र के बाद कर सकते है। क्योंकि 13 उम्र से पहले हमारी आंखें थोड़ी कमजोर होती है। 
  • .त्राटक के लिए हम बिंदु की दुरी कितनी रखे?
  • त्राटक करते समय बिंदु या मोमबत्ती की स्वयं से दुरी कम से कम 1 फीट से लेकर 3 फीट तक रख सकते है।

  • For more information please visit -
  • https://hindinewsaurgyandhara.blogspot.com/




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