12th science ke baad kya kare? Sabhi courses ki list aur after 12th engineering, medical courses
full detail.12वी
साइंस के बाद कौन सा
course आपके लिए
सही रहेगा? जानिये l
12वी साइंस के बाद क्या ले, और क्या ना ले ? इसपर चर्चा -
यदि आप 12 वीं कक्षा के छात्र हैं और बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो अक्सर आपके दिमाग में यह सवाल आता होगा या फिर आपके जानने वाले, माता पिता या रिश्तेदार आपसे अवश्य पूछते होंगे कि 12 वीं के बाद क्या करना है ? किस स्ट्रीम में जाना है ? आदि आदि. अधिकांश छात्र 12 वीं में ही तय कर लेते हैं कि उन्हें आगे क्या करना है? किस स्ट्रीम का चुनाव करना है या फिर किस करियर फील्ड में जाना है आदि. लेकिन कुछ स्टूडेंट्स अभी तक यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें भविष्य में क्या करना है? करियर का कौन सा फील्ड उनके लिए सही रहेगा ? इस प्रश्न को लेकर कन्फ्यूज्ड रहते हैं तथा कुछ भी तय नहीं कर पाते हैं.
चाहे आप किस भी कैटेगरी के हों 12 वीं के बाद क्या करना है इसका निर्णय लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहीं से उनके करियर की दिशा निर्धारित होती है. आजकल मार्केट में विभिन्न कोर्सेज, स्ट्रीम्स, कई तरह के इंट्रेंस एग्जाम्स और करियर फील्ड की भरमार है और ऐसे में छात्रों का अपने लिए चयन करते समय कन्फ्यूज्ड होना स्वाभाविक है तथा यह समय भी उनके जीवन का निर्णायक मोड़ होता है. इसलिए इस आर्टिकल में 12वीं के छात्रों की मदद के उदेश्य से मार्केट में उपलब्ध कुछ करियर विकल्पों की चर्चा की गयी है.
यह एक महत्वपूर्ण निर्णय क्यों है ?-
12 वीं के छात्रों के लिए एक सही कोर्स का चुनाव करना अत्यंत ही महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि उनके इसी निर्णय पर मुख्य रूप से उनका करियर टिका होता है. सही निर्णय छात्रों को उन्नतिशील रस्ते की ओर अग्रसर करते हैं जिनमें वे अपनी रूचि और क्षमता के अनुरूप बेहतर रीजल्ट दे पाते हैं.अगर इस दौरान छात्र अपनी क्षमता, रूचि तथा प्रतिभा के विपरीत किसी गलत डोमेन का चयन कर लेते हैं तो इसका खामियाजा भविष्य में तो भुगतना ही पड़ता है छात्रों का अमूल्य समय भी बर्बाद होता है. वस्तुतः अधिकांश मामलों में छात्र जो निर्णय 12 वीं में लेते हैं उन्ही के अनुरूप वे अपना करियर बनाते हैं और आगे चलकर वैसी ही जिन्दगी जीते हैं. इतना ही नहीं ग्रेजुएशन के बाद तो करियर को बदलने की बहुत कम गुंजाइश रहती है और अगर यदि आप ऐसा करते भी हैं तो आपके कई वर्षों की मेहनत बेकार जाती है.
यह एक कठिन निर्णय क्यों है ?-
एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय होने के साथ-साथ यह एक कठिन निर्णय भी है, विशेषकर आज कल के सन्दर्भ में तो और. आजकल छात्रों के समक्ष कई करियर, कोर्स तथा स्ट्रीम के विकल्प मौजूद हैं और ये लगभग सभी अपनी रुचि और क्षमता के अनुरूप समान महत्व के हैं. कॉलेज में उपलब्ध कोर्सेज की इस विस्तृत श्रृंखला ने छात्रों के निर्णय लेने की प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है. वे दिन अब चले गए जब सिर्फ एक इंजीनियर, डॉक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट और ऐसे अन्य कोर क्षेत्रों में ही अच्छे करियर ऑप्शंस थे. अब तो छात्रों के पास कुछ साल पहले की तुलना में बहुत अधिक विकल्प उपलब्ध हैं. वे नए क्षेत्रों जैसे,टी टेस्टर, ग्राफिक डिजाइनर, प्रोफेशनल फोटोग्राफर और एथिकल हैकर्स के रूप में अपने करियर को नई दिशा देने में स्वतंत्र हैं. जबकि कुछ वर्ष पूर्व तक ये सभी कोर्सेज बहुत ज्यादा प्रचलन में नहीं थे.
वस्तुतः इन नए क्षेत्रों की शुरुआत छात्रों के लिए वरदान तथा अभिशाप दोनों ही साबित हो रहा है. कुछ छात्र जो लिक से हटकर कुछ कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए तो सुनहरा अवसर है लेकिन अपने पैशन को पूरा करने के चक्र में छात्र कुछ ऐसे कोर्सेज या स्ट्रीम का चयन कर लेते हैं जिसके लिए वे अभी पूरी तरह से मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं. इसके अतरिक्त कुछ छात्र ऐसे स्ट्रीम का चयन कर लेते हैं जो उन्हें अन्य स्ट्रीम्स की तुलना में बहुत आसान लगता है.
अक्सर हम कुछ ऐसे लोगों से मिलते हैं जो अपने वर्तमान काम से संतुष्ट नहीं होते तथा किसी अन्य फील्ड में स्विच करना चाहते हैं लेकिन ध्यान रखिये एक बार किसी काम की शुरुआत कर देने पर उससे स्विच करना उतना आसान नहीं होता है. इसलिए किसी भी स्ट्रीम का चयन करते समय बहुत सावधानी पूर्वक अपनी क्षमता, योग्यता, रुचि,परिस्थिति आदि का ध्यान रखते हुए किसी ऐसे कोर्स का चयन करना चहिये जिसके साथ आप भविष्य में भी सही सामंजस्य स्थापित कर सकें तथा उस काम में आपको आनंद आये.
विकल्प की मौजूदगी से बढ़ सकता है असमंजस-
वस्तुतः इन नए क्षेत्रों की शुरुआत छात्रों के लिए वरदान तथा अभिशाप दोनों ही साबित हो रहा है. कुछ छात्र जो लिक से हटकर कुछ कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए तो सुनहरा अवसर है लेकिन अपने पैशन को पूरा करने के चक्र में छात्र कुछ ऐसे कोर्सेज या स्ट्रीम का चयन कर लेते हैं जिसके लिए वे अभी पूरी तरह से मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं. इसके अतरिक्त कुछ छात्र ऐसे स्ट्रीम का चयन कर लेते हैं जो उन्हें अन्य स्ट्रीम्स की तुलना में बहुत आसान लगता है.
अक्सर हम कुछ ऐसे लोगों से मिलते हैं जो अपने वर्तमान काम से संतुष्ट नहीं होते तथा किसी अन्य फील्ड में स्विच करना चाहते हैं लेकिन ध्यान रखिये एक बार किसी काम की शुरुआत कर देने पर उससे स्विच करना उतना आसान नहीं होता है. इसलिए किसी भी स्ट्रीम का चयन करते समय बहुत सावधानी पूर्वक अपनी क्षमता, योग्यता, रुचि,परिस्थिति आदि का ध्यान रखते हुए किसी ऐसे कोर्स का चयन करना चहिये जिसके साथ आप भविष्य में भी सही सामंजस्य स्थापित कर सकें तथा उस काम में आपको आनंद आये.
सही ग्रेजुएशन कोर्स का चयन कैसे करें ?-
ग्रेजुएशन स्तर के लिए सही पाठ्यक्रम तय करना एक असंभव निर्णय लेने जैसा लगता है. 12 वीं के बाद सही कोर्सेज का चयन करते समय आपको यह पता होना चाहिए आपके लिए कौन से विकल्प बेहतर हैं तथा किस विकल्प में आप अपना बेहतर दे सकते हैं ? इस सन्दर्भ में ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं का वर्णन किया जा रहा है-
1. अपनी रुचि का हमेशा रखें ख्याल
किसी भी कोर्स का चयन करते समय जिस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए वह है अपनी रुचि, जुनून,इच्छा तथा मनपसंद कार्यों की पहचान कर उस अनुरूप कोर्सेज का चयन करना. इस विषय में बिलकुल क्लियर रहें कि आप किस क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं, आपको भविष्य में क्या करना है तथा भविष्य में यह किस हद तक आपके लिए फायदेमंद रहेगा? यदि आप in सभी बातों को लेकर पूरी तरह से क्लियर हैं तो आपको अपने लिए किसी सही कोर्स के चयन में दुविधा या परेशानी नहीं होगी. उदहारण के लिए यदि आप अर्कियोलॉजी लेना चाहते हैं लेकिन आपकी रूचि केमेस्ट्री में है तो आप कला संग्रह या फिर म्यूजियोलॉजी ( संग्रहालय सम्बन्धित) आदि आपके लिए बेहतर करियर ऑप्शन हो सकते हैं.
2. पाठ्यक्रम की समझ
इससे पहले कि आप किसी कोर्स का चयन कर उसका अध्ययन आरम्भ करे आपके लिए यह जानना बहुत जरुरी है कि आपके कोर्स की विषय वस्तु क्या है और यह किन किन क्षेत्रों को कवर करता है?किसी भी कोर्स को ज्वाइन करने से पहले अपने कोर्स के विषय में मौजूद सामग्रियों तथा सीनियर्स और फैकल्टी की मदद से उस विषय में विस्तृत जानकारी लेनी चाहिए. जैसे कि कितना थियरी पेपर है? कितना प्रैक्टिकल है ? किस तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है ? आदि आदि.ग्रेजुएशन कोर्सेज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करने के कई तरीके हैं जिन्हें आप अपनाकर अपने लिए जरुरी जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं. इसके लिए आप अपने माता –पिता,भाई –बहन,दोस्तों तथा किसी सीनियर्स की राय ले सकते हैं. इसके अतिरिक्त ऐसे लोग जो उस फील्ड में पहले से ही कार्यरत हैं वे भी आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान कर सकते हैं. अगर तब भी बात न बने तो किसी करियर काउंसेलर की सलाह अवश्य लें.
3. भविष्य गत संभावनाएं
कॉलेज कोर्सेज का चयन करते समय ध्यान रखने योग्य एक महत्वपूर्ण विषय है उस कोर्स की भविष्यगत संभावनाएं. यदि आप लीक से हटकर किसी नए कोर्स का चयन कर रहे हैं तो भविष्य में उसके विस्तार तथा उसमें ग्रोथ की संभावना पर बहुत गहराई से विचार करने कि आवश्यकता होती है. साथ साथ यह भी देखना चाहिए कि इस फील्ड में नौकरी मिलने के आसार कितने हैं ? इसके अतिरिक्त या भी देखना चाहिए कि इस फील्ड में नौकरी करके हायर स्टडीज की जा सकती है या नहीं. अगर ये सारी बातें किसी फील्ड में संभव नजर आती हो तो बेशक वह फील्ड आपके लिए फायदेमंद रहेगा.
12 वीं के बाद उपलब्ध कुछ लोकप्रिय कॉलेज पाठ्यक्रम-
12 वीं के बाद अक्सर भारतीय छात्र दो ही कोर्सेज इंजीनियरिंग और मेडिकल को करियर विकल्प के रूप में देखते हैं. लेकिन अब नित्य नये नये उभरते विकल्पों की वजह से उनके समक्ष भी अब कई अन्य कोर्सेज का विकल्प मौजूद है. पुरानी अवधारणाओं को तोड़ते हुए छात्र अपनी प्रतिभा के अनुरूप इन नए ऑफ़-बीट कोर्सेज का चयन कर उसमें सफलता भी हासिल कर रहे हैं.
इंजीनियरिंग : 12 वीं के बाद सबसे ज्यादा डिमांड वाला कोई कोर्स है तो वह है इंजीनियरिंग. एक प्रोफेशनल कोर्स होने की वजह से इस कोर्स की तरफ अधिकतम छात्र आकर्षित होते हैं. फीजिक्स,केमेस्ट्री तथा मैथ्स विषय के साथ 12 वीं पास करने वाले छात्र इस कोर्स में एडमिशन लेने के पात्र होते हैं.अपनी बढ़ती लोकप्रियता के कारण यह कोर्स बहुत कॉम्पीटिटिव है.वैसे भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए इन कॉलेज के इंट्रेंस एग्जाम होते हैं. इसमें सबसे लोकप्रिय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) है, जो देश भर में इंजीनियरिंग उम्मीदवारों के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित एक आम इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा है. पिछले वर्ष लगभग 11 लाख छात्र जेईई मेन परीक्षा में शामिल हुए थे, यह छात्रों के बीच इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की लोकप्रियता का स्पष्ट संकेत है. विज्ञान के छात्रों के लिए उपलब्ध इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला है. मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, सिविल एंड बीटेक्नोलॉजी कुछ सबसे पसंदीदा इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स में से कुछ हैं. नैनो टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल,पेट्रोकेमिकल, ओसियन इंजीनियरिंग इत्यादि जैसे कुछ अपेक्षाकृत नए क्षेत्र भी लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं और ग्रेजुएशन लेवल पर कुछ रोमांचक करियर विकल्प प्रदान कर रहे हैं.
मेडिकल साइंस : इंजीनियरिंग के बाद, साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए दूसरा सबसे पसंदीदा विकल्प मेडिकल या मेडिसिन होता है. मेडिकल वस्तुतः जीवन और उसके चारों ओर की हर चीज का अध्ययन है.यदि आप डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपके लिए सिर्फ मेडिकल स्ट्रीम ही है जहाँ मेडिसिन की पढ़ाई कर आप अपना सपना पूरा कर सकते है.12 वीं के बाद मेडिकल साइंस स्टडीज के हिस्से के रूप में फार्मेसी, कृषि विज्ञान और प्राणीशास्त्र का अध्ययन भी किया जा सकता है. आजकल फार्मेसी में ग्रेजुएशन मेडिकल छात्रों के बीच एक बहुत ही लोकप्रिय पाठ्यक्रम है. इसके अंतर्गत उन्हें यह सिखाया जाता है कि दवाएं कैसे बनाई जाती हैं, वे कैसे काम करते हैं ? नशीली दवाओं की प्रतिरक्षा, उसका रोगी पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभाव आदि का अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाता है. 12 वीं कक्षा फीजिक्स, केमेस्ट्री तथा बायोलॉजी विषय के साथ पास करने वाले छात्र एमबीबीएस सहित मेडिकल साइंस से जुड़े अन्य पाठ्यक्रमों का चयन कर सकते हैं. मेनस्ट्रीम के करियर विकल्पों के अतिरिक्त जेनेटिक्स, माइक्रोबायोलॉजी, आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मेडिकल रिसर्च मेडिकल छात्रों के लिए महत्वपूर्ण करियर के अवसर प्रदान करता है. बायो टेक्नोलॉजी इस क्षेत्र में अपेक्षाकृत नया कोर्स है, इसे बहुत तीव्र गति से लोकप्रियता प्राप्त हो रही है और ग्रेजुएशन के बाद छात्रों के लिए करियर के भरपूर अवसर अवसर प्रदान कर रहा है. इन दिनों छात्रों के बीच फिजियोथेरेपी, पोषण और आहार विज्ञान आदि जैसे पाठ्यक्रम भी बहुत लोकप्रिय विकल्प हैं.
कॉमर्स
11 वीं और 12 वीं कक्षा में कॉमर्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंसी सबसे लोकप्रिय पाठ्यक्रम विकल्पों में से एक है. इसके अंतर्गत सरकारी कानूनों के अनुसार कंपनियों के वित्तीय मामलों की सम्पूर्ण जानकारी सहित लेखा परीक्षा रिपोर्ट बनाने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण और लेखा परीक्षा के माध्यम से कराधान, वित्तीय लेनदेन आदि विषयों की जानकारी प्रदान की जाती है.
चार्टर्ड एकाउंटेंसी के अलावा, कॉमर्स छात्रों के लिए उपलब्ध अन्य लोकप्रिय पाठ्यक्रम विकल्प बिजनेस मैनेजमेंट (बीबीए), बीकॉम, बीकॉम (एच), अर्थशास्त्र (एच), सीएस, लॉ, ट्रेवल एंड टूरिज्म आदि में ग्रेजुएशन है. इन कोर्सेज की मदद से
निवेश बैंकर, ब्रांड मैनेजर, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर और अन्य प्रतिष्ठित पदों के रूप में एक प्रतिष्ठित करियर बनाया जा सकता है. लेकिन 12 वीं में बिना मैथ्स सब्जेक्ट लिए कॉमर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र आगे चलकर कुछ उपलब्ध कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए पात्र नहीं होते हैं.
आर्ट्स
आर्ट्स या ह्युमेनिटिज के अंतर्गत अधिक संख्या में भिन्न भिन्न कोर्सेज की सुविधा के कारण छात्रों को अपनी रूचि के अनुसार विषय चुनने की अधिक आजादी होती है. पिछले कुछ वर्षों से आर्ट्स के प्रति छात्रों का झुकाव बढ़ा है. आजकल अधिकतर छात्र आर्ट्स का चयन कर रहे हैं.
मास कम्युनिकेशन, पत्रकारिता, विज्ञापन, इंटीरियर डिजाइनिंग, ग्राफिक्स डिजाइनिंग, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, इतिहास, फैशन डिजाइनिंग, फोटोग्राफी, रंगमंच आदि विषयों में से आर्ट्स के स्टूडेंट्स किसी भी विषय का चयन कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त एक आर्ट स्टूडेंट के रूप में आप लिंग्विस्टिक, रिलीजियस स्टडी, आर्ट रेस्टोरेशन, फॉरेन लैंग्वेज, फिल्म निर्माण, कला इतिहास और ऐसे अन्य संबंधित क्षेत्रों का अध्ययन कर उसमें अपना करियर बना सकते हैं.
12 वीं के बाद छात्रों की मुख्य चिंता आगे चलकर किसी न किसी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने की होती है.
आर्ट, इंजीनियरिंग, मेडिकल, कॉमर्स या किसी अन्य कोर्सेज के लगभग सभी स्ट्रीम्स के संबंधित डोमेन में प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाओं का अपना एक अलग सेट होता है. हर साल लाखों की संख्या में छात्र इन प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होते हैं.
छात्र इन परीक्षाओं में प्राप्त होने वाले स्कोर के आधार पर ही देश भर के कॉलेजों द्वारा प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदकों की बढ़ती संख्या और प्रवेश के लिए कठिन प्रतिस्पर्धा के कारण, कई प्रतिष्ठित कॉलेज तो स्क्रीन परीक्षा के साधन के रूप में प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं और अपने पाठ्यक्रम तथा कॉलेज के लिए उपयुक्त सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों को ही सूचीबद्ध करते हैं.कुछ आम प्रवेश परीक्षाएं भी हैं, जो छात्रों को एकल प्रवेश परीक्षा माध्यम से कई कॉलेजों में आवेदन करने में मदद करती हैं. प्रत्येक स्ट्रीम्स की कुछ लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाओं की सूची नीचे दी गई है-
इंजीनियरिंग : जेईई मेन देश में सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय इंजीनियरिंग परीक्षा है. अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेज इस परीक्षा में इंजीनियरिंग उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त रैंक के आधार पर ही उन्हें नामांकित करते हैं. जेईई मुख्य परीक्षा स्कोर और रैंक का उपयोग भारत के लगभग सभी प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को स्क्रीन और शॉर्टलिस्ट करने के लिए किया जाता है. आईआईटी में प्रवेश हेतु भारत के प्रमुख तकनीकी स्कूलों को जेईई मेन द्वारा पहली स्तर की स्क्रीनिंग के रूप में भी सुविधा प्रदान की जाती है. जेईई मेंस से टॉप 2.25 लाख इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को जेईई एडवांस परीक्षा के लिए चुना गया है. जेईई एडवांस का स्कोर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) द्वारा पेश किए गए विभिन्न ग्रेजुएशन इंजीनियरिंग कोर्सेज में नामांकन के लिए उपयोग किया जाता है. कुछ अन्य लोकप्रिय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं का विवरण नीचे दिया गया है –
जेईई मेंस: देश भर के सभी मुख्य इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा मान्य
जेईई एडवांस:सभी आईआईटी संस्थानों द्वारा मान्य
बीआईटीएसएटी: बिट्स पिलानी
एसआरएमजेईईई: एसआरएम चेन्नई
वीआइटीईईई: वीआईटी यूनिवर्सिटी,वेल्लोर
आइपीयू सीईटी: इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी,दिल्ली
मेडिकल साइंस : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित एनईईटी या राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा भारत में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए एक आम प्रवेश परीक्षा है. एम्स जैसे कुछ संस्थान एमबीबीएस, फार्मेसी और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं. मेडिकल के छात्रों के लिए अन्य प्रमुख प्रवेश परीक्षा का विवरण नीचे उल्लिखित है -
नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस एग्जाम फॉर अंडर ग्रेजुएट (नीट-अंडर ग्रेजुएट)
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय स्तर पर एमबीबीएस / बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता परीक्षा
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज इंट्रेंस एग्जाम (एएफएमसी)
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षा
एम्स एमबीबीएस
अखिल भारतीय स्तर पर एम्स द्वारा आयोजित एम्स दिल्ली और अन्य 6 एम्स में एमबीबीएस / बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु पात्रता परीक्षा
जेआईपीएमईआर एमबीबीएस इंट्रेंस टेस्ट-
एमबीबीएस कोर्सेज में एडमिशन हेतु जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा
एआईपीवीटी: भारत में पांच वर्ष के लिए बी.वीएससी और एएच में एडमिशन हेतु अखिल भारतीय प्री-वेटरीनरी टेस्ट (एआईपीवीटी)
कॉमर्स : सीपीटी या कॉमन प्रोफिसिएन्सी टेस्ट, चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स के लिए प्रवेश स्तर की परीक्षा है. यह कॉमर्स छात्रों के लिए सबसे लोकप्रिय पाठ्यक्रम विकल्पों में से एक है. कॉमर्स छात्रों के लिए अन्य प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हैं –
सीपीटी इंट्रेंस एग्जाम –फाउंडेशन कोर्स अथवा कॉमन प्रोफिसिएन्सी टेस्ट : भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान आईसीएआई द्वारा आयोजित चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स के लिए प्रवेश स्तर की परीक्षा
यूपीएसई प्रवेश परीक्षा: उत्तर प्रदेश टेक्नीकल यूनिवर्सिटी(यूपीटीयू)
आईपीयू सीईटी प्रवेश परीक्षा : गुरूगोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) द्वारा आयोजित आम प्रवेश परीक्षा
एसईटी प्रवेश परीक्षा : 18 ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा
एलएसएटी - लॉ स्कूल प्रवेश परीक्षा:भारत में कई कानून संस्थानों के लिए अनिवार्य प्रवेश परीक्षा
सीएलएटी - आम कानून प्रवेश परीक्षा: राष्ट्रीय स्तर पर लॉ पाठ्यक्रम में एडमिशन हेतु प्रवेश परीक्षा
आर्ट्स : आर्ट्स में बहुत सारे विषयों की उपलब्धता के कारण भिन्न भिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कई प्रवेश परीक्षाएं हैं. पाठ्यक्रम के प्रकार के आधार पर और जिन कॉलेजों और पाठ्यक्रमों में आप शामिल होना चाहते हैं, उनके आधार पर आप संबंधित क्षेत्र की प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं को चुन सकते हैं.कुछ लोकप्रिय आर्ट्स कॉलेज / विश्वविद्यालय और उनके द्वारा आयोजित मुख्य प्रवेश परीक्षा का उल्लेख किया गया है –
आईआईटी एचएसईई: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी,मद्रास
टीआईएसएस बीएटी: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (गोहाटी,त्रिपुरा और हैदराबाद)
बीएचयू यूईटी: बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
डीयू सीएटीई : दिल्ली यूनिवर्सिटी
पटना विमेन्स कॉलेज इंट्रेंस एग्जाम:पटना यूनिवर्सिटी
एयूएटी: आलिया यूनिवर्सिटी
जेएमआईईई: जामिया मिलिया इस्लामिया
जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी इंट्रेंस एग्जामिनेशन (बी.ए ऑनर्स): जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इंट्रेंस एग्जाम (बी.ए ऑनर्स): अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
आइये जानते है की
12 वी
साइंस के इंजीनियरिंग
मे कोर्स
के आपके पास
कौन कौन से
विकल्प होते है -
. इंजीनियरिंग (बीटेक/बीई)
. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
. सिविल इंजीनियरिंग
. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन
. इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग
. इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी
. स्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग
. केमिकल इंजीनियरिंग
. माइनिंग इंजीनियरिंग
. इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
. मरीन इंजीनियरिंग
. प्रिंट एंड मीडिया टेक्नॉलजी
. न्यूक्लियर इंजीनियरिंग
. इइलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
. डेरी टेक्नॉलजी
. मकैनिकल इंजीनियरिंग
. आर्किटेक्चर
. कंप्यूटर ऐप्लिकेशन
. मर्चेंट नेवी
. नॉटिकल टेक्नॉलजी में बीएससी
नेवल आर्किटेक्चर एंड शिप बिल्डिंग में बीटेक
. फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायॉलजी, ऐस्ट्रोनॉमी, फॉरेंसिक साइंस, जियोलॉजी, ऐग्रिकल्चर, इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी, स्टैटिस्टिक्स, इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री, फैशन टेक्नॉलजी, होम साइस, न्यूट्रिशन, क्लॉदिंग ऐंड टेक्सटाइल, एक्सटेंशन ऐंड कम्यूनिकेशन, नौटिकल साइंस, ह्यूमन डिवेलपमेंट ऐंड फैमिली स्टडीज, फैशन डिजाइन, इनवायरनमेंटल साइंस आदि में बीएससी
. कमर्शल पायलटए
. विएशन साइंस में बीएससी
. डिफेंस
12वी साइंस PCB मे मेडिकल फील्ड मे आनेवाले सभी कोर्स 12वी साइंस बाद के कोर्स -
. एमबीबीएस
. बीडीएस-डेंटिस्ट्री
. बीएएमएस-आयुर्वेद
. बीएचएमएस-होम्योपैथी
. बीयूएमएस-यूनानी
. बीएनवाईएस-नेचुरोपैथी ऐंड योगिक साइंस
. बीएसएमएस-सिद्ध मेडिसिन ऐंड साइंस
. वेटरिनरी साइंस ऐंड ऐनिमल हस्बैंड्री
. फिजियोथेरापी
. बीएससी ऑक्युपेशनल थेरापिस्ट
. बीएससी न्यूट्रिशन ऐंड डायटीटिक्स
. इंटेग्रेटिड एमएससी
. बीएससी-बायॉटेक्नॉलजी
. बीएससी (डेयरी टेक्नॉलजी/नर्सिंग/रेडियॉलजी/प्रॉसथेटिक्स ऐंड ऑर्थोटिक्स, ऑप्टोमेट्री)
. बीएसी स्पीच ऐंड लैंग्वेज पैथोलॉजी
. बीएससी ऐंथ्रोपोलॉजी
. बीएससी होम साइंस/फॉरेंसिक साइंस
. बैचलर ऑफ फार्मेसी
. बीएमएलटी (मेडिकल लैब टेक्नॉलजी)
. बीओटी (ऑक्यूपेशनल थेरापी)
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